۱۰ مهر ۱۴۰۳ |۲۷ ربیع‌الاول ۱۴۴۶ | Oct 1, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा | मुसलमानों की ज़िम्मेदारी है कि वे बनी इज़राइल के इतिहास पर विचार करें और उससे सीखें। कुछ पैग़म्बरों (अ) की पैग़म्बरी एक राष्ट्र के लिए आरक्षित थी।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

तफ़सीर; इत्रे क़ुरआन: तफ़सीर सूर ए बकरा

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم     बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
أَلَمْ تَرَ إِلَى الْمَلَإِ مِن بَنِي إِسْرَائِيلَ مِن بَعْدِ مُوسَىٰ إِذْ قَالُوا لِنَبِيٍّ لَّهُمُ ابْعَثْ لَنَا مَلِكًا نُّقَاتِلْ فِي سَبِيلِ اللَّـهِ ۖ قَالَ هَلْ عَسَيْتُمْ إِن كُتِبَ عَلَيْكُمُ الْقِتَالُ أَلَّا تُقَاتِلُوا ۖ قَالُوا وَمَا لَنَا أَلَّا نُقَاتِلَ فِي سَبِيلِ اللَّـهِ وَقَدْ أُخْرِجْنَا مِن دِيَارِنَا وَأَبْنَائِنَا ۖ فَلَمَّا كُتِبَ عَلَيْهِمُ الْقِتَالُ تَوَلَّوْا إِلَّا قَلِيلًا مِّنْهُمْ ۗ وَاللَّـهُ عَلِيمٌ بِالظَّالِمِينَ   अलम तरा इलल मलाए मिन बनी इस्राईला मिन बादे मूसा इज़ कालू लेनबीय्या लहुमुब अस्सा लना मलेकन नकातिल फ़ी सबीलिल्लाहे क़ाला हल असैयतुम इन कूतेबा अलैकोमुल केताला इल्ला तोकातेलू कालू वमा लना अल्ला नोकातेला फी सबीलिल्लाहे वकद उखरिजना मिन देयारेना वा अबनाअना फलम्मा कूतेबा अलैहेमुल केतालो तवल्लो इल्ला कलीलम मिनहुम वल्लाहो अलीमुम बिज जालेमीन (बकराह, 246)

अनुवाद: क्या आपने मूसा के बाद बनी इसराइल के नेताओं को नहीं देखा जब उन्होंने पैगंबर (स) से हमारे लिए एक राजा नियुक्त करने के लिए कहा ताकि हम उनके नेतृत्व में अल्लाह के रास्ते में लड़ सकें? इस पैगम्बर ने कहाः ऐसा न हो कि तुम पर युद्ध अनिवार्य हो जाये। तो फिर लड़ो मत. उन्होंने कहा कि हम लड़ेंगे कैसे नहीं? जबकि हमें अपने घरों और बच्चों से बेदखल कर दिया गया है.' परन्तु जब उन पर युद्ध अनिवार्य कर दिया गया तो उनके चंद आदमियों को छोड़ कर बाकी सभी ने मुँह मोड़ लिया और अल्लाह ज़ालिमों को भलीभांति जानता है।

क़ुरआन की तफसीर:

1️⃣   यह मुसलमानों की जिम्मेदारी है कि वे बनी इस्राइल के इतिहास पर विचार करें और उससे सीखें।
2️⃣   कुछ नबियों की पैग़म्बरी एक राष्ट्र के लिए आरक्षित थी।
3️⃣ पैगंबर लोगों की राजनीतिक और सैन्य समस्याओं में हस्तक्षेप करते थे।
4️⃣  युद्ध में सेनापति का होना आवश्यक है।
5️⃣  समाज के नेता के लिए यह आवश्यक है कि वह लोगों से प्रतिज्ञा ले कि वे युद्ध तथा अन्य मामलों में उसका अनुसरण करेंगे।
6️⃣  सैन्य जनरलों और सेना प्रमुखों की नियुक्ति दिव्य नेताओं की जिम्मेदारी है।
7️⃣  अल्लाह के मार्ग में जिहाद समाज को दूसरों के कारावास और अतिक्रमण से मुक्त करता है और सम्मान और प्रतिष्ठा का कारण बनता है।
8️⃣  लोगों की दुआओं की सच्चाई और वैधता का मूल्यांकन कार्य क्षेत्र में किया जाता है।


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तफसीर राहनुमा, सूर ए बकरा

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